Monday, May 21, 2018

बातें शुरू होती हैं।

गुड मॉर्निंग और
गॉड नाइट के बीच
कई दफे हम मुस्कुराते हैं
कभी कबार निराश भी हो जाते हैं।

पर इन सब के बीच
सबसे अच्छी बात ये होती है कि ,
जब दिल में कुछ हलचल हो,
या कुछ ख़ास एहसास हो,
तो उसकी याद आ जाती है।

सोने जाने से पहले
गुड नाइट कहना याद रहता है।

बिना कुछ ज़ोर डाले,
बिना किसी शोर-गुल के,
बिना किसी ताने-बाने के,
ये कब हुआ,
कैसे हुआ,
कुछ मालूम ही नहीं पड़ा।

बस अब सोचती हूँ,
तो अच्छा लगता है।
अपनी जेब भर लेती हूँ,
सोच सोच कर ही।

💜



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