Sunday, May 13, 2018

प्यार

जितना दोगे उतना कभी नहीं मिलेगा,
कभो थोड़ा ज़्यादा, तो कभी कम; 
जिसे दोगे, 
ज़रूरी नहीं वो उसे लौटाएगा;
जिससे लोगे, 
उसे उसके हिस्से का पूरा पूरा 
कभी नहीं दे पाओगे; 
जिससे चाहोगे, 
वो तुम्हारी चाहत नहीं समझ पायेगा; 
जो तुमसे चाहेगा, 
तुम उसकी चाहत ठुकरा दोगे।  
कभी इसका हिसाब पूरा नहीं होगा। 
इसलिये, 
ये हिसाब-किताब बंद करो, 
जो है तुम्हारे पास, जितना है,
जिस पर भी आ रहा है,
उसे लुटा दो।  
आज किसी को खुश कर दो।  

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