Saturday, April 14, 2018

जाने क्यूँ


मैने फिर कुछ कहा तुमसे,
तुमने फिर जवाब नहीं दिया,
हम फिर मिले,
फिर मुस्कुराए,
तुमने फिर रुला दिया.
हम तुम्हें अपनाते रहे,
तुमने भी हमें
थोड़ा सा अपना बना लिया,
पर जब झटक के हमें
दूर किया तुमने,
हमने भी तुम्हे भुला दिया.

जाने क्यूँ फिर भी
आज तुम्हारी याद आई है.
इससे कहो ना के
मेरे पास ना आए,
ना रुलाए, ना सताए,
कहो ना इसे के वो तुम्हारी है,
तुम्हारे पास लौट जाए!

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